RAM और ROM दोनों ही कंप्यूटर की मेमोरी के दो विभिन्न प्रकार होते हैं। RAM को – Random Access Memory के नाम से और ROM को – Read Only Memory के नाम से जानते है। दोनों ही कंप्यूटर की प्राइमरी मेमोरी के अंतर्गत आते हैं, लेकिन ये दोनों एक-दूसरे से भिन्न होते हैं। तो आइये जानते है RAM और ROM में difference के बारे में विस्तार से।
कंप्यूटर में दो तरह की मेमोरी होते है। 1 . Primary memory 2. Secondary memory .
- Primary memory
Primary memory को कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी भी कहते है। हम जब भी कंप्यूटर हो कोई आदेश देते है तो वह आदेश सबसे पहले कप्यूटर की मुख्य मेमोरी को प्राप्त होता है उसके पश्चात यह प्रोसेसिंग यूनिट के पास प्रोसेस होता है और जब तक डाटा/आदेश प्रोसेसिंग की अवस्था में रहता है तब तक यह Primary memory में ही स्टोर रहता है।
अंत में आदेश को कार्य सम्पन होते के उपरांत आउटपुट डिस्प्ले पर शो हो जाता है और यह सेकेंडरी मेमोरी में सेव हो जाता है।
कितने प्रकार की होती है Primary memory ?
प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) के मुख्यता दो प्रकार होते हैं – RAM और ROM। परन्तु इनके अलावा, Cache Memory भी प्राथमिक मेमोरी के रूप में काम करती है।
अतः इसको भी प्राइमरी मेमोरी का तीसरा प्रकार मन जाता। इस प्रकार प्राइमरी मेमोरी को 3 (तीन) प्रकार हो जाते है।
- RAM
- ROM
- Cache Memory
1. RAM : Random Access Memory को अस्थाई मेमोरी अर्थात volatile मेमोरी भी कहा जाता है। उसका करण है कि जब तक कंप्यूटर ऑन रहता है अभी तक इसमें डाटा स्टोर रहता है।
कंप्यूटर के बंद होते है RAM में स्टोर सारा डाटा डिलीट हो जाता है। RAM भी तीन प्रकार की होती है 1. Static RAM 2.Dynamic RAM 3. Synchronous RAM
2.ROM : Read Only Memory को स्थाई मेमोरी अर्थात Non-Volatile मेमोरी भी कहा जाता है। इसमें एक बार लिखा जाता है तो फिर कभी उसे नहीं बदला जा सकता है। इसका उपयोग कंप्यूटर को बूट अप करने के दौरान उपयोग किया जाता है।
यह कंप्यूटर की अलग-अलग आवश्यकताओं के अनुसार आवश्यक डाटा और इंस्ट्रक्शन्स को स्थायी रूप से स्टोर करने के काम आती है। ROM भी तीन प्रकार की होती है 1. PROM 2.EPROM 3. EEPROM
3. Cache Memory : जब कोई डाटा प्रोसेसर से RAM में बार बार transfer होता है तब उस डाटा को RAM और CPU के बीच स्थित कैश मेमोरी में सेव किया जाता है। इसमें डाटा ट्रांसफर की दर RAM से भी ज्यादा होती है। परन्तु इसमें बहुत काम डाटा ही स्टोर होता है।
कंप्यूटर में, रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM) और कैश मेमोरी अधिकांश समय एक साथ काम में ली जाती हैं जबकि रीड-ऑनली मेमोरी (ROM) केवल बूट अप के समय उपयोग की जाती है।
Secondary Memory : सेकेंडरी मेमोरी को परमानेंट स्टोरेज भी कहते है। जो कंप्यूटर में डेटा और इनफॉर्मेशन को स्थाई रूप से संग्रहित रखती है। सेकन्डे मेमोरी को दो भागो में विभाजित किया जा सकता है
1. Solid State Drive आमतौर पर हार्ड ड्राइव, फ्लैश ड्राइव, सीडी, डीवीडी, ब्लू रे डिस्क जैसी डिवाइसों के नाम से भी जाना जाता है।
2.Remote storage रीमोट स्टोरेज Online सर्वर पर संग्रहित होता है। इसमें इंटरनेट के माध्यम से डेटा स्टोर किया जाता है जो आप बाद में अपने कंप्यूटर से उपयोग किया जा सकता हैं। ऑनलाइन स्टोरेज, डाटा संग्रहण वेबसाइट, वीडियो स्ट्रीमिंग साइट, बैकअप सर्विस आदि रीमोट स्टोरेज के उदाहरण हैं।
Difference between RAM and ROM
विशेषता | RAM (रैम) | ROM (रोम) |
---|---|---|
पूरा नाम | रैंडम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory) | रीड ओनली मेमोरी (Read-Only Memory) |
संग्रहण क्षमता | संग्रहीत डेटा की अस्थायी क्षमता, परन्तु संगृहीत डेटा को पढ़ा व लिखा जा सकता है। | संग्रहीत डेटा की स्थायी क्षमता रूप से क्षमता, परन्तु डेटा को केवल पढ़ा जा सकता है और इसे संशोधित नहीं किया जा सकता है। |
डेटा रखरखाव | डेटा को संग्रहित रखता है, जिसे प्रोसेसर सुलभता से डेटा को एक्सेस कर सके। | डेटा को स्थायी रूप से संग्रहित रखता है, जो सिस्टम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, प्रोग्राम और सेटिंग्स को संग्रहित करने में इस्तेमाल होती है। |
डेटा एडिटिंग | पूर्व संग्रहीत डेटा को संशोधित और पुनर्लिखित कर सकता है। | प्रोग्राम के रूप में बनाया गया डेटा केवल पढ़ा जा सकता है और संशोधित नहीं किया जा सकता है। |
आपूर्ति की व्यवस्था | बढ़ाया अथवा बदलाव किया जाने वाला डिजाइन, एसी या डीसी के सर्किट द्वारा आदान-प्रदान होता है। | स्थायी रूप से डिजाइन की गई होती है। |
उपयोगिता | रनटाइम प्रोग्राम, कार्यक्रम और डेटा संग्रहण के लिए। | सिस्टम बूट करने या सिस्टम के(BIOS) की महत्वपूर्ण जानकारी को संग्रहित करने के लिए। |
स्थिरता | डेटा बिजली आपूर्ति बंद होते ही सारा डेटा Delete(रिमूव ) हो जाता है | डेटा बिजली आपूर्ति की अनुपस्थिति में भी संग्रहित रहता है। |